*न्यायाधीश "शनिग्रह" का 24 जनवरी में मकर राशि में प्रवेश*
✍🏻15 नवंबर 2011 को शनि के तुला राशि में प्रवेश के साथ ही वृश्चिक राशि की साढ़ेसाती आरंभ हुई थी जो अब 24 जनवरी की रात्रि *शनिदेव के मकर राशि* में प्रवेश के साथ ही समाप्त हो जाएगी। सामान्यतः मार्गी-वक्री गोचर करते हुए *शनिदेव एक राशि में 2700 दिन तक* विचरण करते हैं किन्तु कई बार यह अवधि वक्री-मार्गी होते होते इसे भी पार कर जाती है। किसी भी राशि पर जिस पर साढ़ेसाती आरंभ होने वाली हो उस राशि के किस अंग पर इसका विचरण होता है यदि आप इसे समझकर अपनी योजनायें बनाएं और उपाय करें, तो आपके लिए अति अनुकूल रहेगा....
*साढ़ेसाती के आरंभ होते ही इसका प्रथम प्रभाव 100 दिनों तक मनुष्य के मुख पर* रहता है जो बेहद कष्ट कारक होता है। शनि के आरंभ का यह समय इतना पीड़ा देने वाला होता है कि व्यक्ति शनिदेव की साढ़ेसाती के नाम से घबराता है।
उसके *पश्चात 400 दिनों तक इसका प्रभाव प्राणियों के दाहिनी भुजा पर रहता है*, जो सर्वथा विजयश्री दिलाता है। भारत के अधिकतर बड़े बड़े नेता साढ़ेसाती की इसी अवधि में सर्वोच्च शिखर तक पहुंचे हैं। इस अवधि के मध्य किए गए सभी संकल्प-कार्य पूर्णतया सफल रहते हैं। उसके *पश्चात 600 दिनों तक इसका प्रभाव मनुष्य के चरणों में रहता है,* जिसके फलस्वरूप व्यक्ति देश-विदेश की यात्राएं करता है। समाज में प्रतिष्ठित लोगों से मेलजोल बढ़ता है और व्यापार एवं नौकरी आदि में अच्छी उन्नति तथा मकान-वाहन के सुख भोगता है।
*तदुपरांत 500 दिनों तक* साढ़ेसाती का प्रभाव मनुष्य के पेट पर रहता है, जो हर प्रकार से लाभदायक सिद्ध होता है स्वास्थ्य अच्छा रहता है और अनेकों स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद मिलता है। साढ़ेसाती का यह समय व्यक्ति के कामयाबियों के लिए अति शुभ फलदाई रहता है। *पुनः 400 दिनों तक साढ़ेसाती का प्रभाव* प्राणियों के बाईं भुजा पर रहता है, जो बेहद कष्टकारक रहता है, इस अवधि में व्यक्ति यह निर्णय लेने में विवश दिखाई देता है कि उसे करना क्या है और कहीं न कहीं वह निराश और परेशान हो जाता है। *उसके बाद 300 दिनों तक* इसका प्रभाव व्यक्ति के मस्तक पर रहता है, जिसके फलस्वरूप प्राणियों के कार्य व्यापार में उन्नति सामाजिक प्रतिष्ठा, पद और गरिमा की वृद्धि होती है। इस अवधि में व्यक्ति जहां भी जाता है उसे कामयाबी और यश ही प्राप्त होता है। *उसके उपरांत 200 दिन साढ़ेसाती का प्रभाव* मनुष्य के नेत्रों पर रहता है, जिस के शुभप्रभाव के फलस्वरूप वह तीर्थ यात्रा, यज्ञ, जप-तप, पूजा-पाठ, दान पुण्य आदि सभी तरह के अच्छे कर्म करता है उसे घर परिवार में मांगलिक कार्यों से सुख मिलता है। उसके *उपरांत 200 दिनों तक साढ़ेसाती का अंतिम चरण होता है* इस अवधि में ये जीवात्माओं के गुदा स्थान पर रहती है जिसके फलस्वरूप उसे मानसिक पीड़ा एवं कष्टों का सामना करना पड़ता है। साढ़ेसाती का यह कालखंड इस तरह से रहता है कि इसके मध्य आई परेशानियों को व्यक्ति जीवनपर्यंत याद रखता है। वर्तमान में साढ़ेसाती का
*अंतिम 200 दिन के कालखंड में वृश्चिक राशि पर चल रहा है जो 24 जनवरी को समाप्त हो जाएगा और वृश्चिक राशि* इससे मुक्त हो जायेगी।
*शनि के क्रूर प्रभाव से बचने के उपाय*
✍🏻यदि आप पर किसी भी तरह शनि प्रकोप चल रहा हो, चाहे वो महादशा हो, अन्तर्दशा हो, प्रत्यंतर दशा हो, सूक्ष्मदशा या प्राणदशा हो गोचर में अशुभ हों, मारक दशा हो, शाढ़ेसाती, ढैया और योगिनियों में उल्का की दशा हो तो, इन सबके कुप्रभाव से बचने का श्रेष्ठ उपाय है कि आप पीपल वृक्ष के साथ साथ अन्य फलदार वृक्ष लगाएं और शनि स्तोत्र, शनि कवच या इनका वैदिक मंत्र जाप करें इससे शनि ग्रह के दोषों से मुक्ति मिलती है !
🕉🍂☘यहां जानिए सभी 12 राशियों पर शनि का कैसा असर होने वाला है और इस ग्रह अशुभ असर से बचने के लिए कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…‼
🌷मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
शनि की वजह से प्रतिष्ठा बढ़ेगी। पुरानी बाधाएं अब हल होने लगेंगी और कार्यों में गति आएगी। नौकरी करने वाले लोगों को विशेष लाभ मिल सकता है।
🌷वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो, ब)
इस राशि के लिए शनि की स्थिति शुभ रहेगी। वृष पर अब ढय्या नहीं रहेगा।धन संबंधी कामों विशेष लाभ मिल सकता है। परिवार में सुखद वातावरण रहेगा और जीवन साथी का सहयोग मिलेगा।
🌷मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
इन लोगों के लिए शनि का ढय्या शुरू हो रहा है। इसवजह से हानि के योग बन रहे हैं। सावधान रहने का समय है। बुरी संगत से बचें और वरिष्ठ लोगों का मार्गदर्शन लेकर आगे बढ़ें।
🌷कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आपकी राशि के लिए शनि शुभ स्थिति में रहेगा। रुके कामों में गति आने से सफलता मिलेगी और पैसों से जुड़ी समस्याएं खत्म होंगी।
🌷सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
सिंह राशि के लोगों को खान-पान में लापरवाही से बचना होगा। शनि की वजह से रोगों में वृद्धि होने के योग बन रहे हैं।
🌷कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
इन राशि के लोगों को शनि की वजह से शुभ फल प्राप्त होंगे। इस राशि से शनि का ढय्या उतर जाएगा। नौकरी में अधिकारियों की मदद से प्रमोशन प्राप्त कर सकते हैं। परिवार में सुख बना रहेगा।
🌷तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
इस राशि शनि का ढय्या शुरू होगा। मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। व्यर्थ बातों की वजह से चिंता बनी रहेगी। धन संबंधी कामों में बाधाएं बढ़ सकती हैं।
🌷वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
शनि की वजह से दैनिक जीवन में सुख बढ़ेगा। इस राशि से साढ़ेसाती उतर जाएगी।इन लोगों को कड़ी मेहनत के बाद बड़ी सफलता मिल सकती है। पुराने अटके कामों में गति आएगी।
🌷धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम ढय्या है, ये शुभ रहेगा। सफलता के साथ ही मान-सम्मान मिलेगा। मांगलिक आयोजन हो सकते हैं।
🌷मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आपके लिए शुभ समय रहेगा। साढ़ेसाती का दूसरा चरण रहेगा। कार्यों में आशा के अनुरूप सफलता मिल सकती है। पुरानी योजनाएं सफल हो सकती हैं।
🌷कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
इन लोगों के खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है। शनि की साढ़ेसाती शुरू हो गई है। शनि का साथ मिलेगा और नौकरी में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
🌷मीन (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
इस राशि के लिए शनि का राशि परिवर्तन लाभदायक रहेगा। घर-परिवार में सुखद माहौल रहेगा। लंबी दूरी की यात्रा हो सकती है। धन लाभ मिलने के अवसर मिलेंगे।
🍂☘शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। खुद की राशि में शनि अधिक बलवान और प्रभावशाली हो जाता है। जिस तरह हम अपने घर में आराम से रहते हैं, हमारे मन को शांति मिलती है, ठीक उसी तरह शनि अपनी राशि में मकर में यानी अपने घर में रहेगा। शनि को न्यायाधीश माना गया है। ये ग्रह ही हमारे अच्छे-बुरे कर्मों का फल प्रदान करता है। शनि के बुरे असर से बचने के लिए हमें गलत कामों से बचना चाहिए।
🕉🔱🚩जय माँ भुवनेश्वरी 🚩🔱🕉 🌹‼आचार्य पंडित संतोष भार्गव ‼🌹